आप भी हो सकते है ! जीनियस
आज हम जानेगें कि जीनियस क्या होते है, क्या
हम भी जीनियस हो सकते है, तो चलिये देखते
है| दरअसल 135 अंक से अधिक I.Q. वाले
व्यक्तियो को जीनियस के वर्ग मे रखा जाता है,
लेकिन दुनिया मे आपको तेज बुद्धि वाले तो
तमाम लोग मिल जायेगें लेकिन जीनियस तो
बहुत कम ही देखने - सुनने को मिलते है, अब
सवाल यह है कि क्या जीनियस जन्म से ही होते
है या खुद बड़े होकर बनते है, क्या एक गरीब
व्यक्ति जीनियस नही हो सकता, क्या हम भी
जीनियस हो सकते, अगर हो सकते है तो क्या
हमारे पास सारी सुविधाये मौजुद होनी चाहिये,
या क्या इसके लिये एक उचित मौहाेल होना
चाहिये, इन सारे सवालो के जवाल जानने से
पहले हम सबसे पहले जानेगें कि हमारे इतिहास
मे जो जीनियस हुये वो कैसे जीनियस कहलाये,
आज हम अगर जीनियस की बात करते है तो
सबसे पहले हमारे दिमाग मे अलबर्ट आइंसटीन
का नाम आता है, जो कि एक जीनियस थे अब
अगर और नाम ढुँढें जाये तो संगीतकार मोजार्ट,
चित्रकार लियो नार्डो दा विन्ची का नाम भी आता
है| अब अगर आइंसटीन कि बात की जाये तो
तो उनके बचपन मे पढ़ाई - लिखायी मे कमजोर
होने व यहा तक कि उनके एक टिचर ने कहा था,
कि तुम अपने जीवन मे कुछ बड़ा नही कर पाओगे
लेकिन आइंसटीन एक बड़े साइंटिस्ट के रुप मे
दुनिया के सामने आये व जीनियस भी कहलाये,
अगर यह कहा जाये कि जीनियस जन्म से ही
होते है तो यह बात भी पुरी तरह सच नही हो
पाते क्योकि संगीतकार मोजार्ट जीनियस थे लेकिन
उनकी बहन एक औसत दर्जे की महीला थी |
और अगर जीनियस की पहचान इस बात से की
जाये कि ये पढ़ाई - लिखायी मे तेज होते है या
इनका ज्यादा पढ़ा - लिखा होना पहचान है तो
आपको ये देखे कि आइंसटीन पढ़ाई मे कमजोर
थे व थामस एडिसन जो कि एक महान साइंटिस्ट
थे, स्कूल मे वह पढ़ाई भी नही कर पाये थे व
यह बात कही जाये कि उस व्यक्ति को उचित
मौहोल मिलना चाहिये या सारी सुविधाये उपलब्ध
होनी चाहीये तो भारत के महान व्यक्ति रामानुजन
जिन्होने गणित के छेत्र मे उल्लेखनिय कार्य किया
और जीनियस की श्रेणी मे भी गीने गये इसके
लिये एक अच्छे उदाहरण है| जो कि गरीबी, उचित मौहोल न होने व तमाम विपरीत परिस्थितियो के
बावजुद उनकी प्रतिभा लोगो के सामने आयी थी|
क्या मस्तिस्क की बनावट है जिम्मेदार
जब अलबर्ट आइंसटीन की मृत्यु हो गयी तो उनके
मस्तिस्क को सुरक्षित रख लीया गया था व इसके
शोध से पता चला कि उनके मस्तिस्क का पैराइटल
लोब नामक हिस्सा समान्य से 15 प्रतिशत तक
अधिक चौड़ा था | पैराइटल लोब मस्तिस्क का
वह भाग होता है जो गणनाओ व कल्पना के ताने-
बाने बुनता है और शोध मे यह भी बात सामने
निकल कर आयी कि उनके मस्तिस्क के दोनो
हिस्सो मे सुचनाओ का तेजी से आदान- प्रदान
होता था लेकिन ये सब बाते यह नही प्रुफ कर
पाती कि उनके जीनियस बनने के पीछे यही सब
कारण थे क्योकि यह सब सिर्फ तर्क व विचारो
के आधार पर कही गयी है |
और क्या निष्कर्ष निकाले गये|