(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-6045993254306235", enable_page_level_ads: true }); आइज़क न्यूटन की जीवनी Sir Isaac Newton Biography in Hindi - .

आइज़क न्यूटन की जीवनी Sir Isaac Newton Biography in Hindi

Sir Isaac newton biography in hindi



Sir Isaac Newton Biography in Hindi



तो दोस्तो आज हम सर आइजक न्यूटन के बायोग्राफी के साथ - साथ ये भी जानेगें कि हम उनके जीवन से

क्या सिख ले सकते है | क्योकि हम बायोग्राफी तो पढ़ लेते है लेकिन कुछ सीख नही पाते क्या बायोग्राफी

पढ़ने का मकसद यही होता है कि बस आप दिन व तारीख से परिचित हो जाये | शायद नही क्योकि

दोस्तो हमारा जीवन इतना बड़ा नही कि सारी गलतीया खुद करके उनसे सीखी जाये | इसीलिए शायद एक

बात सच ही कही गयी है कि मुर्ख खुद गलतीया कर कर के सिखता है , जबकि बुद्धिमान दुसरो की गल-

तियो से तो चलिये जानते है एक सच्चाइ सर आइजक न्यूटन के बारे मे जो हमे कुछ सीख दे सके हमारे

जीवन मे बदलाव ला सके |



Introduction


मुझे यह बताने की जरूरत नही कि ये दुनिया के महान Scientist थे | इनका जन्म सन् 1642 मे ब्रिटिश

शहर बुल्सथोर्प मे हुआ था| इनके माँ का नाम हनाह न्यूटन था | इनके जन्म से पहले ही इनके पिता की

मृत्यु हो गयी थी, तब इनके माँ ने एक पादरी के साथ दुसरा विवाह कर लिया और न्यूटन की देख-रेख इनकी

दादी करने लगी न्यूटन इतने कमजोर पैदा हुये थे कि इनके बचने कि कोई उम्मिद नही थी लेकिन न्यूटन

84 साल की उम्र तक जीये थे | जब न्यूटन 12 साल के हुये तब उनका एक स्कूल मे दाखीला कराया

गया था लेकिन उनका पढ़ने मे मन ही नही लगता था वो बहुत हीन भावना महसुस करते थे क्योकि वो

पढ़ने - लिखने मे कमजोर थे | बहुत शान्त रहा करते थे और दुसरे बच्चे इसका फायदा उठाकर

उन्हे तंग किया करते थे, एक उन्ही क्लास के लड़के से इसीलिए झगड़ा हो गया | इन्ही सब को देखते

हुये उन्हे स्कूल से वापस बुला लीया गया|





न्यूटन के शौतेले पिता कि भी मृत्यु हो गयी तो उनकी माँ वापस बुल्सथोर्प रहने चली आयी और खेती करने

लगी न्यूटन भी खेती मे हाथ बटाने लगे लेकिन खेती करने मे उनकी कोई रुची नही थी , न्यूटन को सांइस

बहुत पसंद था, 



लोग उन्हे पढ़ाने के लिये कहते लेकिन उनकी माँ उन्हे फिर से स्कूल नही भेजना चाहती थी|

न्यूटन मशीनो को बहुत पसंद करते थे वे हमेसा कुछ न कुछ बनाते रहते थे, उन्होने एक पवन चक्की

बनायी थी जो हवा से चलता था, व एक बार धुप घड़ी बनाया था, 





जो की उनके घर पर काफी दिनो तक टंगी थी, ये सब देखकर उनके चाचा जो कैम्ब्रिज के एक कॉलेज के सदस्य थे, न्यूटन को फिर से स्कूल





भेजा, अब न्यूटन ने अपनी हीन भावना पर काबु पा लिया था, व काफी उत्साह से भरे थे| न्यूटन ने कभी

सोचा भी नही था कि एक दिन वो दुनिया के महान Scientist बनेगें| 19 साल के उम्र मे न्यूटन ने

स्कूली शिक्षा पुरी कर ली अब उनका एडमिसन कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज मे हुआ, क्योकि न्यूटन

के पास खर्च के लिये उतने पैसे नही थे तो वे कुछ काम भी कर लिया करते थे खर्च निकालने के लिये,

अब न्यूटन की होनहार छात्रो मे गिनती होने लगी थी उनकी गणित मे भी विशेष रुचि थी, वे गणना करने

के नये - नये तरीके निकाला तरते थे| बहुत कम उम्र मे ही उन्होने द्विपद प्रमेय की खोज की थी|



कैम्ब्रिज मे प्लेग नाम के रोग फैल जाने के कारण कॉलेज बन्द हो गया जिससे इन्हे अपने गाँव

बुल्सथोर्प लौटना पड़ा | यहा के शांत मैहोल मे ये खुब तरह- तरह के प्रयोग किया करते थे, बन्द कमरे

मे एक होल से प्रकाश के आने पर उन्होने उसे एक प्रिज्म से गुजारे तो वो सात रंगो मे बट गयी| जिससे

ये पता चला ये प्रकाश सात रंगो से मिलकर बना है,इसी से प्रेरित होकर उन्होने एक टेलीस्कोप भी

बनाया था|



न्यूटन कि सेब वाली घटना तो आपने सुना ही होगा जिसमे उन्होने सेब को जमीन पर गीरते देखा तो उस पर उन्होने काफी विचार करने पर ही गुरुत्वाकर्षण



के सिद्धातं का खोज किया था |इस खोज का पता इगंलैन्ड के खगोल सास्त्रीय, एडमंड हेली को पता

चला तो वे न्यूटन की खोज को रायल सोसाइटी मे छपवाने के लिये गये तो वहा के लोगो ने इसमे कोई

रुचि नही दिखाई, और छापने से इन्कार कर दिया तो हेली ने इसे अपने खर्चे पर छपवाया, अगर हेली ने यह सब नही किया होता तो दुनिया मे न्यूटन को कोई न जानता |



न्यूटन के दयालुता के प्रमाण मिलते है क्योकि न्यूटन के काफि मेहनत से तैयार किये हुये कागजात को

उसके कुत्ते डायमंड ने चुहे पकड़ने के चक्कर मे मोमबत्ती गीरा दिया जिससे सारे कागज जल कर

राख हो गये जिस पर कोई और व्यक्ति होता तो कुत्ते पर टुट पड़ता लेकिन न्यूटन ने बस इतना कहा

कि 'तु नही जा कि तुने कितना बड़ा नुकसान कर दिया'और फिर से उस कागज को तैयार करने मे जुट गया|

न्यूटन किताबे पढ़ना पसंद करते थे , वो किताबे खुब पढ़ा करते थे| न्यूटन एक महान सांइटिस्ट होने के

साथ - साथ एक अच्छे इन्सान भी थे | उन्होने दुनिया मे अपना काफी योगदान दिया| सन् 1727 मे न्यूटन

कि केशिगंटन मे मृत्यु हो गयी|



तो दोस्तो यदि आप आज पढ़ाई मे कमजोर है तो ये न समझे कि आप कुछ नही कर सकते कल हो

सकता है आप सबसे आगे हो जाये क्योकि आपने देखा कि न्यूटन पढ़ने मे कमजोर भले ही थे लेकिन

आगे चलकर कर उन्होने कितनी बड़ी महानता हासिल की |सर आइजक न्यूटन ने एक बड़ी अच्छी

बात तही थी 



कि जो हम जानते है वो एक बुदं है व जो हम नही जानते वह एक महासागर है मतलब

यदि आपने कोई सफलता हासिल कर ली , या कुछ जान सीख लीया तो ये न सोचे कि हमने सब सिख

लिया क्योकि सीखने जानने की कोई सीमा नही होती आप जितना सिखे उतना कम ही है|
आइज़क न्यूटन की जीवनी Sir Isaac Newton Biography in Hindi आइज़क न्यूटन की जीवनी Sir Isaac Newton Biography in Hindi Reviewed by Apkajosh on 1/16/2016 Rating: 5

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